रास्ते से वापस लौट गए अनिरुद्धाचार्य महाराज, छत्तीसगढ़ में होने वाली कथा हुई स्थगित, सामने आई ये बड़ी वजह

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात आचार्य अनिरुद्धाचार्य की सभा शुरू होने से एक दिन पहले ही आंधी– तूफान में कथा स्थल का पंडाल उखड़ गया। अनिरुद्धाचार्य बिलासपुर के सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम दर्राभाठा में भगवत कथा कहने वाले थे। भागवत कथा शुरू होने के 1 दिन पहले ही शाम को जिले में हुई आंधी-बारिश से सभा स्थल के लिए बनाया गया पूरा पंडाल ढह गया। सभा से एक दिन पहले ही तैयारियों की पोल खुल गई इसके साथ ही लोगों के जान माल का नुकसान होते होते बचा। वहीं आज से शुरू हो रही कथा के लिए बिलासपुर आने निकले अनिरुद्धाचार्य पंडाल उखाड़ने की जानकारी लगते ही रास्ते से ही वापस लौट गए।

बिलासपुर के सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम दर्राभाठा में राष्ट्रीय स्तर पर भागवत कथा करने और गौ सेवा के लिए विख्यात स्वामी अनिरुद्धाचार्य की भागवत कथा 19 अप्रैल से शुरू होकर 25 अप्रैल तक होनी थी। सभी विभागीय अनुमति के बाद हजारों लोगों के बैठने के लिए पंडाल बनाया गया था। पंडाल के अंदर पंखे,कुलर, साउंड सिस्टम जनरेटर आदि की भी व्यवस्था की गई थी। पर कथा शुरू होने के 1 दिन पहले आंधी– तूफान के साथ हुई बारिश में पंडाल पूरी तरह ध्वस्त हो गया।। तेज बारिश और पंडाल गिरने के चलते अंदर लगे कुलर,पंखे खराब हो गए और गद्दे भींग गए।

वही इस मामले में सबसे अहम बात यह रही कि कथा शुरू होने से एक दिन पहले पंडाल गिरने के चलते जान माल की बड़ी हानी होने से बचत हो गई। वरना यदि आज शनिवार को भागवत कथा के दौरान यह हादसा हुआ होता तो पंडाल में मौजूद कई श्रद्धालुओं की जान जा सकती थीं। देश में कई ऐसे हादसे हुए हैं जिसमें पंडाल गिरने से श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

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