दुर्ग। छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से घुसपैठ कर रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए विशेष कार्यबल का गठन किया गया है। इसी कार्यबल और थाना छावनी पुलिस की संयुक्त जांच में दुर्ग के कैम्प-02 अमन लकड़ी टाल के पास किराये के मकान में छिपे दो संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए हैं।
आरोपी और फर्जी पहचान का खुलासा
पूछताछ में सामने आया कि महिला और पुरुष दोनों ने अपना नाम छुपाकर फर्जी नामों का इस्तेमाल कर भारतीय पहचान बनायी थी। पुरुष का असली नाम मोहम्मद अब्दुल रौब हुसैन (48 वर्ष), निवासी ग्राम राजबाड़िया, जिला जेस्सोर, बांग्लादेश है। वह वर्ष 2012 में अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में रहने लगा। उसने वहीं शादी की और फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड बनवाकर भारतीय नागरिकता का झूठा दावा किया।
महिला आरोपी का असली नाम साथी खातून निवासी निरबासखुला, माटीकुमरा, जिला झिकारगाछा, बांग्लादेश है, जो 2014 में अवैध रूप से भारत आई थी। वह करीब 7-8 माह से दुर्ग के कैम्प-02 में किराये के मकान में रह रही थी। उसने भी जन्मतिथि बदलकर फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाए थे।
जांच और जब्ती
दोनों के कब्जे से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल डेटा, बांग्लादेशी पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, बैंक दस्तावेज आदि बरामद किए गए हैं। जांच में पाया गया कि वे बांग्लादेश में रहने वाले रिश्तेदारों से लगातार मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से संपर्क में थे।
कानूनी कार्रवाई
दोनों के खिलाफ थाना छावनी में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ विदेशी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में दोनों को फर्जी दस्तावेज तैयार करने और भारतीय नागरिकता का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है।
आगे की कार्रवाई
प्रशासन द्वारा ऐसे अवैध घुसपैठियों की पहचान व गिरफ्तारी के लिए विशेष कार्यवाही जारी है। फर्जी दस्तावेज बनाने, संरक्षण देने वाले अन्य अपराधियों की भी तलाश की जा रही है। एसटीएफ और थाना छावनी पुलिस की संयुक्त टीम ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
