रायपुर। प्रदेश सरकार जहां जमीन धोखाधड़ी को रोकने और पारदर्शिता बनाए रखने की बात करती है, वहीं राजधानी में महालेखाकार कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी सौरभ बोस पर जमीन धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस संबंध में जमीन खरीदने वाले कई लोगों ने राजधानी के विधानसभा थाना में शिकायत दर्ज कराई है।
मामला क्या है?
सूत्रों के अनुसार, बिलासपुर निवासी शाहबाज हुसैन उर्फ शिबू फरीदी द्वारा एक जमीन को प्लाटिंग कर कई लोगों को बेच दिया गया था। बाद में जमीन विवादित हो गई। विवाद के दौरान किसी अन्य व्यक्ति ने वाहन जेसीबी चलाकर जमीन पर कब्जा कर लिया और बोर्ड लगाकर अपना दावा ठोका। ऐसे में जमीन खरीददारों को भारी परेशानी हुई।
समस्या के समाधान के लिए शाहबाज हुसैन ने सौरभ बोस को पावर ऑफ अटॉर्नी प्रदान की और 13 लाख रुपए की रकम ऑनलाइन उनके खाते में ट्रांसफर की। थाने परिसर में यह सहमति बनी कि जमीन बेचकर खरीदारों को बराबर का हिस्सा दिया जाएगा।
धोखाधड़ी और विवाद
लेकिन सौरभ बोस ने सहमति के विपरीत अपनी और अपने परिचितों की नजदीकी लोगों के नाम जमीन बंटाई। जमीन पर अपने लोगों का कब्जा करवाकर बोर्ड लगवा दिया। साथ ही शाहबाज हुसैन से मिली 13 लाख रुपये की राशि भी आपस में बांट ली गई।
इस काम से कई जमीन खरीददारों को भारी नुकसान हुआ है और वे न्याय की गुहार लगाते हुए लगातार थाने के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने सौरभ बोस पर भरोसा करके पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी, लेकिन अब उन्हें धोखा मिला है।
दलाली और चेक विवाद
सौरभ बोस और उसके दोस्तों ने दलाली करने वाले नकुल नायक से बलपूर्वक PDC चेक भी लिया, जिसे आज तक खरीदारों को वापस नहीं किया गया। इस धोखाधड़ी ने जमीन खरीददारों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
