एक बहू की गुहार , तहसीलदार पति और सिस्टम की चुप्पी पर सवाल,

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“मैं अपने पति से मिलना चाहती हूं, अपने घर में रहना चाहती हूं। कृपया मुझे इंसाफ दिलाइए।”

 

 

दीपक मितल प्रधान संपादक छत्तीसगढ़

 

बालोद,,छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन, कानून और महिला सम्मान की परिभाषा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यह कहानी है रेणु गुप्ता की एक महिला जो अपनी शादी को बचाने, अपने पति से मिलने और अपने अधिकारों के लिए सड़क पर बैठने को मजबूर है।

 

रेणु गुप्ता की वैवाहिक जीवन,,

रेणु गुप्ता की शादी नवंबर 2022 में बालोद के तत्कालीन नायब तहसीलदार राहुल गुप्ता से हुई थी। यह शादी सरगुजा जिले के सीतापुर के आमाटोली सुंदरनगर में रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुई थी। लेकिन शादी के चंद सप्ताहों बाद ही रेणु का वैवाहिक जीवन दहशत में बदल गया।

 

शादी के मात्र 50 दिनों के भीतर, दहेज को लेकर रेणु पर मानसिक दबाव बनाया जाने लगा।

 

लाखों रुपए की क्रेटा कार, लाखों की नगदी, और घरेलू सामान सहित तमाम मांगें पूरी करने के बाद भी, ससुराल वालों की अपेक्षाएं और लालच थमे नहीं। नतीजन, रेणु को अपने मायके लौटना पड़ा।

रेणु ने कई बार ससुराल लौटने की कोशिश की, पर हर बार सास-ससुर द्वारा घर में घुसने से रोक दिया गया।

 

बुधवार , गुरुवार को एक बार फिर रेणु ससुराल पहुंची, लेकिन इस बार भी वही हाल। इस बार वह घर के बाहर बैठी रही – न रात की परवाह, न मौसम की चिंता – बस न्याय की आस।

 

वह वीडियो में भावुक होकर रेणु गुप्ता कहती हैं:

 

“मैं अपने पति से मिलना चाहती हूं, अपने घर में रहना चाहती हूं। कृपया मुझे इंसाफ दिलाइए।”

 

रेणु के पति राहुल गुप्ता वर्तमान में दंतेवाड़ा में तहसीलदार पद पर पदस्थ हैं, और उनके पिता सतीशचंद्र गुप्ता बालोद में मत्स्य विभाग के अधिकारी हैं।

 

रेणु के पास दहेज के तौर पर दी गई वस्तुओं के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं – जिसमें वाहन, नगदी, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि शामिल हैं। बावजूद इसके, अब तक कोई कानूनी कार्यवाही सामने नहीं आई है।

 

छत्तीसगढ़ की पावन भूमि, गंगा मैया के आशीर्वाद से पवित्र कही जाती है। इस धरती पर आज जब हम यह कहते हैं कि “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ”, तब सोचने वाली बात यह है कि क्या बेटियाँ वाकई सुरक्षित हैं? क्या उन्हें न्याय मिल पा रहा है?

 

जिला बालोद, जहां एक महिला विधायक, महिला कलेक्टर और कई उच्च पदों पर महिलाएं कार्यरत हैं, वहीं झलमला गाँव की दो बेटियाँ न्याय की तलाश में दर-दर भटक रही हैं। आरोप गंभीर हैं – एक उच्च अधिकारी द्वारा शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण और फिर सामाजिक बहिष्कार। दोनों युवतियाँ आज अपने हक और सम्मान की भीख मांग रही हैं, पर न्याय… अभी भी दूर है।

 

जहां एक ओर भाजपा सरकार महतारी वंदन योजना जैसे प्रयासों से महिलाओं को सशक्त बना रही है, वहीं प्रशासनिक तंत्र के कुछ अधिकारी उन्हीं योजनाओं को मज़ाक बनाकर पेश कर रहे हैं। अफ़सोस की बात है कि जब अधिकारी ही अपने पद का दुरुपयोग करने लगें, तो एक आम नारी कहाँ जाएगी?

 

आज हालात ये हैं कि:

 

थाने से जवाब मिलता है – “पारिवारिक मामला है”

 

एसडीएम और तहसीलदार सिर्फ तारीख पर तारीख देते हैं

 

और पुलिस मूकदर्शक बनकर किसी अनहोनी का इंतजार कर रही है

 

क्या इसलिए बेटियाँ स्कूल जाती हैं? क्या इसलिए हम नारी शक्ति का गुणगान करते हैं?

 

इन दो बेटियों की कहानी, केवल उनका दर्द नहीं है – ये एक सिस्टम की असफलता की कहानी है। एक तरफ “सोनम” जैसे मामले हैं जहां पत्नी प्रेमी के लिए पति की हत्या करवा रही है।

दूसरी तरफ “रेणु” और “वंदना” जैसी बेटियाँ हैं, जो अपने ससुराल और परिवार के साथ सम्मानपूर्वक जीना चाहती हैं।

 

 

क्या इन बेटियों को सम्मान और समर्थन नहीं मिलना चाहिए?

 

बालोद का प्रशासन, गुप्ता समाज, राजनीतिक दल और महिला मोर्चा – क्या आप सबकी ज़िम्मेदारी नहीं बनती कि आप इन बेटियों को न्याय दिलवाएं?

 

प्रमुख सवाल जो उठते हैं:

 

1. जब पीड़िता सबूतों के साथ न्याय मांग रही है, तो प्रशासन अब तक मौन क्यों है?

 

2. क्या एक महिला को न्याय पाने के लिए सड़क पर बैठना जरूरी है?

 

3. क्या प्रशासनिक पद किसी को कानून से ऊपर बना देता है?

 

4. क्या महिला सशक्तिकरण की योजनाएं कागजों तक सीमित हैं?

 

क्या कहते हैं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि विधायक औरअधिकारी,,

 

बालोद संचारी विधानसभा क्षेत्र विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा कहती हैं उनके संज्ञान में यह मामला आया है और उन्होंने तत्काल जिला प्रशासन की चर्चा किया है, पीड़ित महिला की क्या समस्या है समस्या को समझ कर अवश्य रूप से उन्हें न्याय दिलाया जाएगा,, कोई भी पीड़ित महिला हो उस न्याय मिलना चाहिए और रेनू गुप्ता को भी न्याय मिलेगा,,

 

जिला कलेक्टर श्रीमती दिव्या मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश कर दिया है जांच कर अवश्य रूप से कार्य की जाएगी,,

 

जिला पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने कहा कि उनके पास शिकायत आई है और शिकायत के आधार पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर महिला को सुरक्षा प्रदान उच्च न्यायालय के निर्देश पर पालन किया जाएगा

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