बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। टुटेजा ने ईडी, एसीबी और पुलिस जांच की न्यायिक निगरानी की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।राजनीतिक साजिश का आरोप, पक्षपातपूर्ण जांच की दलील
टुटेजा की ओर से उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है, और कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही हैं, इसलिए मामले की न्यायिक निगरानी जरूरी है।
ईडी ने किया विरोध, कई घोटालों में आरोपी होने का दावा
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश हुए उपमहाधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडेय ने टुटेजा की याचिका का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि टुटेजा सिर्फ शराब घोटाले में ही नहीं, बल्कि डीएमएफ और कोयला घोटाले जैसे कई गंभीर मामलों के भी आरोपी हैं।
कोर्ट का स्पष्ट रुख: एजेंसियां अपना काम कर रही हैं
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से अपना कार्य कर रही हैं और इस स्तर पर न्यायिक निगरानी की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही अनिल टुटेजा की याचिका खारिज कर दी गई।
गौरतलब है कि अनिल टुटेजा इस समय न्यायिक हिरासत में हैं और उनके खिलाफ ईडी की जांच लगातार जारी है। अदालत का यह फैसला जांच को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश पर स्पष्ट विराम माना जा रहा है।
