आरंगः ग्राम नारा (भानसोज) स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में शनिवार से प्रारम्भ भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक सचिदानन्दन पाठक महाराक खौना वाले ने श्रीराम चरित्र श्रीकृष्ण जन्म व वामन अवतार कथा का रसपान कराते हुए श्री राम चरित्र, भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव, वामन अवतार का कथा सुनाया। इस दौरान जीवंत झांकियों के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। पूरा पंडाल “नंद के घर आनंद भयो व जय कन्हैया लाल की“ के उद्घोष से गूंज उठा। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय सभी श्रोता झूमने और नाचने लगे। सुमधुर भजनों के साथ कथा श्रवण करने भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। वामन अवतार की कथा में बताया कि भगवान ने राजा बलि से दान में तीन ही पग मांगा। प्रभु ने पहले पग में राजा बलि का मन नापा तो दूसरे में पूरी सृष्टि यानी धन को नाप दिया। जब तीसरे पग की बारी आई, तो राजा बलि भी मूक हो गए। तब उनकी पारी आगे आई और राजा बलि को अपना तन भगवान को अर्पित कर देने की बात कही। इस तरह राजा बलि ने तन, मन व धन भगवान के चरणों में अर्पित कर दिया। श्रीराम कथा का वर्णन करते हुए कथावाचक ने मनुष्य को उनके जीवन चरित्र का अनुसरण करने की प्रेरणा दी। कथा के दौरा श्रीरामचरित मानस के दोहों व चैपाइयों का संक्षेप में वर्णन करते हुए उसका सार बताया कथावाचक ने वामन अवतार कथा बताते हुए कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पाप बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मथुरा में राजा कंस के अत्याचार से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। उन्होंने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह अवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे। कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान भगवान कृष्ण व वासुदेव की संजीव झांकी से श्रोताओं का मन मोह लिया। श्रोताओं ने भगवान का पूजन कर ने माखन मिश्री का भोग लगाया। इस अवसर पर भागवत कथा के संयोजक हेमलता डुमेंद्र साहू अध्यक्ष जनपद पंचायत आरंग सहित बड़ी संख्या में कथा का रसपान करने पहुचे महिला व पुरुष श्रोताओ ने नंदोत्सव पर जमकर नृत्य किया।
संकलनकर्ता रोशन चंद्राकर आरंग