संस्कार भारती छत्तीसगढ़ की विशेष प्रांतीय साधारण सभा का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक टोप लाल वर्मा के मुख्य आतिथ्य , निरंजन पंडा अखिल भारतीय लोक कला विभाग संयोजक , अनिल जोशी मध्य क्षेत्र प्रमुख , रिखी क्षत्रिय प्रांत अध्यक्ष , डॉ माणिक विश्वकर्मा प्रांत कार्याध्यक्ष , शशांक शर्मा जिला अध्यक्ष रायपुर की उपस्थिति में बैस भवन सुंदर नगर रायपुर में संपन्न हुआ । पांच सत्रों में आयोजित इस द्वि दिवसीय सभा की शुरुआत ध्येय गीत से हुई । दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों के स्वागत उपरांत मध्य क्षेत्र प्रमुख अनिल जोशी ने विशेष साधारण सभा की भूमिका में कहा कि अब संस्कार भारती को अपने विभिन्न क्रियाकलापों को अपडेट करने की आवश्यकता है । हमारा कार्य समाज प्रबोधन की दृष्टि से समाज के हित में विभिन्न विमर्शों को आगे बढ़ाने का होना चाहिए और यह कार्य हमें कला के माध्यम से करना है । साथ – साथ जनमानस में भी इसे करने हेतु भावना जागृत करनी है । उनके द्वारा उत्सवों व कार्यकारिणी रचना में हुए परिवर्तन पर भी विस्तार से चर्चा की गई ।
प्रांत संघ चालक टोपलाल वर्मा ने संगठन को और मजबूत करने की बात करते हुए पंच परिवर्तन ( नागरिक कर्तव्य, स्वदेशी, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन) की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि एक नागरिक के रूप में हमारे जो दायित्व हैं उसे पूरे अनुशासन के साथ निभाना चाहिए । आज स्वदेशी अपनाने की आवश्यकता है , स्व का भाव जागृत होना आज की आवश्यकता है । पर्यावरण के प्रति अपने जो दायित्व हैं उन्हें निभाते हुए हम सभी को पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन हेतु निरंतर प्रयास करना चाहिए । प्लास्टिक मुक्त आयोजन की पहल करना चाहिए । समाज में जात-पात , छुआ छूत की भावना से परे रहकर सामाजिक समरसता का भाव सबके मन में होना चाहिए । उन्होंने कुटुंब प्रबोधन के महत्व को समझते हुए कहा कि घर के बच्चों को परिवार के प्रति दायित्व निभाने की प्रेरणा देनी चाहिए । प्रतिदिन ना सही सप्ताह में एक दिन हम सभी पूरे परिवार के साथ एक जगह एकत्र हो कर भोजन करें ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए ।
द्वितीय एवं तृतीय सत्र में अनिल जोशी द्वारा पावर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से नवीन कार्यसंरचना, कला विभाग, संगठनात्मक रचना, उत्सव व अन्य कार्यक्रम, रीति नीति, मंचीय व्यवस्था, सदस्यता शुल्क इत्यादि विषयों पर राष्ट्रीय स्तर पर लिए गए निर्णयों की विस्तार से जानकारी दी गई ।
द्वितीय दिवस चतुर्थ सत्र की शुरुवात ध्येय गीत से हुई । तत्पश्चात सभा की शुरुवात सुझाव से हुई जिसमे सभी इकाइयों से आए प्रतिनिधियों ने नवीन संरचना के क्रियान्वयन हेतु अपने सुझाव रखे । अनिल जोशी जी ने उन सुझावों को सुना एवं सभा की जिज्ञासाओं को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से दूर भी किया । उन्होंने नवीन संरचना में हुए बदलाव पर विशेष रूप से प्रकाश डाला । पंचम सत्र में अखिल भारतीय लोककला संयोजक श्री निरंजन पंडा ने वामपंथियों द्वारा इतिहास में लिखी भ्रांतियों से अपने बात की शुरुवात करते हुए कहा कि जानबूझकर अगली पीढ़ी को भ्रमित करने की दृष्टि से लिखे गए इतिहास की सत्यता का पता लगाना आवश्यक है । उन्होंने कहा कि संस्कार भारती में जो संगठनात्मक परिवर्तन हुए हैं, हम सभी को उससे आत्मरूप होना पड़ेगा । अपना दायरा और समय दोनों बढ़ाना होगा तभी संगठन द्वारा दिए गए लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा । उपस्थित प्रतिनिधियों से आपने आव्हान किया कि संस्कार भारती के लिए हम कितना समय दे सकते हैं यह सभी सुनिश्चित करें ।
समापन सत्र में प्रांतीय अध्यक्ष रिखी क्षत्रिय द्वारा वर्ष 2024 से 2027 तक की नवीन कार्यकारिणी को घोषणा मंच से की गई , जिसका अनुमोदन सभा द्वारा ओंकार ध्वनि से किया गया । प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष डा. माणिक विश्वकर्मा ने सबको साथ लेकर नवीन संरचना के अनुसार समर्पित भाव से कार्य करने की बात कही । अंत में वन्देमातरम् गीत के साथ सभा का विधिवत् समापन हुआ ।