मानवता हुई शर्मनाक,, 12 लोगों ने मिलकर एक महिला को बेहरमी से पीटा,, पुलिस ने उल्टे महिला के खिलाफ मामला बनाया,, पीड़िता को न्याय नहीं मिल रहा,,, दर -दर भटकने को मजबूर,,,, पुलिस ने भी नहीं किया सहयोग,,, महिला आयोग और न्यायालय की शरण में पहुंची पीड़िता महिला,,,
गुण्डरदेही,, छत्तीसगढ़ का बालोद जिला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है गुण्डरदेही पुलिस ने पीड़ित महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों को सहयोग करने का प्रयास किया है,, हालांकि दिखावटी कार्रवाई के लिए एक दर्जन लोगों के खिलाफ सामान्य विभिन्न जमानती धाराओं पर मामला दर्ज कर दिया और अब आरोपी बेधड़क पूरे शहर में खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित महिला को धमकी दे रहे हैं कि अबकी बार तुम्हारी हत्या ही होगी पीड़ित महिला ने अब महिला आयोग और न्यायालय की शरण में पहुंचने की तैयारी कर ली है,, गुंडरदेही ब्लॉक क्षेत्र में लगभग 10 दिनों पूर्व 16 दिसंबर की रात्रि 8:00 बजे एक दर्जन से अधिक महिला पुरुषों ने हाथों में डंडे और अन्य नुकीले हथियार से लैस होकर पीड़ित महिला के घर पहुंच कर घर के दरवाजे को तोड़कर बलात् प्रवेश कर एक राय होकर षड्यंत्र पूर्वक कूटरचना साजिश रचकर पीड़िता महिला को बेरहमी से पीटा,, किसी तरह महिला ने पुलिस थाने फोन किया पुलिस के जवान महिला के घर पहुंचे ,, पर दरिंदों ने पुलिस जवानों के सामने दर्जनों लोगों ने अकेले महिला ज्योति सोनकर को पीटा,, पुलिस ने उक्त महिला की रिपोर्ट पर 11 लोगों पर मामला दर्ज किया परंतु साथ ही महिला को कमजोर करने के लिए पीड़ित महिला के खिलाफ में भी मामला दर्ज कर दिया,, जिसे लेकर पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है,, और गुण्डरदेही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया ???? निशान खड़े हो गए हैं, हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक एस आर भगत के संज्ञान में आने के बाद तत्काल एफआईआर दर्ज किया गया,, परंतु गुण्डरदेही पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज ना कर सामान्य जमानतीय धाराओं पर मामला दर्ज कर अपराधियों को लाभ पहुंच कर सुरक्षित कर दिया और अपराधी अब बैखौफ होकर खुलेआम गुण्डरदेही क्षेत्र में घूम रहे हैं,,
ज्योति सोनकर पीड़ित महिला की रिपोर्ट पर राम कुमार सोनकर , ईश्वरी बाई सोनकर , नीरा बाई सोनकर , श्रीमती सकुन बाई सोनकर , गोलू सोनकर , गोलू की पत्नि , डिलेश्वर सोनकर , खेमलाल सोनकर , राजा सोनकर , भागा बाई सोनकर , रूपचंद सोनकर के खिलाफ
115(2)-BNS, 191(2)-BNS, 296-BNS, 324(2)-BNS, 331(2)-BNS, 351(2)-BNS के तहत कार्रवाई किया गया है परंतु अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है सभी एक दर्जन लोग खुलेआम शहर के बीचो-बीच घूम रहे हैं,,
पीड़ित महिला ज्योति सोनकर कक्षा 08 वी तक पढी लिखी है , साप्ताहिक बाजार स्थल गुण्डरदेही में पसरा लगाकर सब्जी बेचने का काम करती रही है,, पीड़ित महिला के पसरा के बगल में नीरा बाई सोनकर सब्जी बेचने के लिये पसरा लगा लेती है जिस कारण पूर्व में भी सब्जी पसरा को लगाने की बात को लेकर वाद विवाद हुये है उसी बात को लेकर दिनांक 16 दिसंबर को ज्योति सोनकर पीड़ित महिला घर में अकेली थी तभी रात्रि करीबन 09.00 बजे राम कुमार सोनकर, ईश्वरी बाई, नीरा बाई, सकुन बाई, गोलू सोनकर, गोलू की पत्नि, डिलेश्वर सोनकर, खेमलालख, राजा सोनकर, भागा बाई, रूपचंद सोनकर सभी लोग घर के सामने लगे चादर वाले दरवाजा को तोड़कर अंदर प्रवेश कर जिस कमरे में रहती थी उस कमरे के दरवाजा में लगा कुंदा को तोड़कर घर अंदर घुसकर मां बहन की अश्लील गाली गलौच करते हुए जिंदा गड़ाने की बात एवं जान से मारने की धमकी देते हुए सभी लोगो ने मिलकर डंडा फरसा हाथ मुक्का से मारपीट किये है मारपीट से हाथ व पैर में दर्द हो रहा है। सभी लोगो ने घर के सामने का चादर गेट एवं कमरे के दरवाजा में लगा कुंदा को तोडकर नुकसान पहुचाये हैं,,,,
मानवता हुई शर्मनाक,, 12 लोगों ने मिलकर एक महिला को बेहरमी से पीटा,, संपूर्ण भारत देश में महिला को सुरक्षा दिए जाने का कानून बनाया गया है परंतु यह अब अंधा कानून दिख रहा है सिर्फ ढिंढोरा पीटा जा रहा है एक महिला को 12 लोग खुलेआम पीट रहे हैं पुलिस देख रही है कार्रवाई नहीं हो रही है,,,
पुलिस ने उल्टे पीड़ित महिला के खिलाफ मामला बनाया,, पुलिस ने न्याय देने की बजाय पीड़िता के खिलाफ में मामला बनाया और आरोपियों को लाभ देने का भरपूर प्रयास किया ,,पीड़िता को न्याय नहीं मिल रहा,,, दर -दर भटकने को मजबूर,,,, पुलिस ने भी नहीं किया सहयोग,,, महिला आयोग और न्यायालय की शरण में पहुंची पीड़िता महिला,,,,,
ज्योति सोनकर गुण्डरदेही निवासी पीड़ित महिला ने मांगी सुरक्षा शासन से,,,,
पीड़ित महिला ने जिला पुलिस अधीक्षक सहित राज्य शासन से सुरक्षा की मांग किया है उन्हें डर है कि आने वाले समय में वहीं आरोपी पुनः उनसे मारपीट कर हत्या कर सकते हैं,,
यह घटना न केवल शर्मनाक है बल्कि कानून और न्याय व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। किसी महिला पर 12 लोगों का हमला करना, वह भी पुलिस की मौजूदगी में, एक ऐसा अपराध है जो न केवल समाज की नैतिकता पर सवाल उठाता है बल्कि पुलिस की निष्पक्षता और कर्तव्यपालन को भी कटघरे में खड़ा करता है।
मुख्य मुद्दे:
1. पुलिस की भूमिका: पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों पर मामला दर्ज किया, लेकिन हल्की धाराओं में केस दर्ज करके उन्हें खुलेआम घूमने दिया। यह दर्शाता है कि पुलिस आरोपियों को परोक्ष रूप से बचाने का प्रयास कर रही है।
2. पीड़िता के खिलाफ मामला दर्ज करना: पुलिस ने पीड़िता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया, जिससे साफ होता है कि दबाव बनाने और न्याय प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश की गई है।
3. सुरक्षा का अभाव: पीड़िता को बार-बार धमकियां दी जा रही हैं, और अब वह खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
समाज और प्रशासन के लिए सवाल:
जब कानून महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं, तो इस तरह के मामलों में पुलिस का रवैया इतना लापरवाह क्यों है?
क्या न्यायालय या महिला आयोग इस मामले में जल्द और सख्त हस्तक्षेप करेगा?
ऐसे अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
जरूरी कदम:
1. जांच की मांग: पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
2. सख्त धाराएं: आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
3. सुरक्षा की गारंटी: पीड़िता और उसके परिवार को तत्काल सुरक्षा प्रदान की जाए।
4. महिला आयोग का हस्तक्षेप: महिला आयोग को इस मामले में जल्द कदम उठाना चाहिए और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाना चाहिए।
न्याय प्रणाली की उम्मीद: यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे न्याय तंत्र के लिए एक परीक्षा है। यदि समय पर उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो इससे समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा को लेकर और अधिक नकारात्मक संदेश जाएगा।
पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दिया जानी चाहिए,,
क्या कहते हैं अधिकारी और जनप्रतिनिधि,,,
जिला पुलिस अधीक्षक एस आर भगत ने बताया कि उनके संज्ञान में जैसे ही मामला आया है वैसे ही उन्होंने थाना प्रभारी को fir दर्ज करने की निर्देश दिए हैं उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है जांच चल रही है आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी,,,,
क्या कहते हैं थाना प्रभारी,,,,
गुण्डरदेही थाना प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल कहते हैं कि 16 दिसंबर रात्रि की घटना है ज्योति सोनकर के परिवारवालों का मामला है किसी विषय को लेकर 10 -12 लोग उन्हें समझाने के लिए उनके घर गए थे और मामूली विवाद हुआ है वाद विवाद और गाली गलौज होने पर दोनों पक्षों के खिलाफ में मामला दर्ज किया गया है,,किसी भी तरह की मारपीट नहीं हुई है किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया है ,,महिला को कोई चोट भी नहीं आई है ,, चोट के कोई निशान नहीं है मेडिकल रिपोर्ट में भी कोई गंभीर चोट नहीं बताया गया है,,पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान के आधार पर कार्रवाई किया है,,