उत्तर भारत के लिए बड़ी चेतावनी, जनवरी-मार्च में उत्तर भारत में घटेगी बारिश; शीतलहर का बढ़ेगा असर

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Weather Update: मौसम विभाग ने जनवरी से मार्च 2025 के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान जताया है. पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दीर्घकालीन औसत (long term average) (LPA) के हिसाब से केवल 86 फीसदी बारिश होने की संभावना है. हालांकि, देश के बाकी हिस्सों में इस दौरान सामान्य बारिश (88-112 फीसदी) होने का अनुमान है.

जहां फरवरी और मार्च में बारिश की कमी देखने को मिलेगी, वहीं जनवरी के दौरान उत्तर भारत में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. पूर्वानुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे राज्यों में बारिश LPA के 122 फीसदी तक पहुंच सकती है. आंकड़ों के अनुसार, उत्तर भारत में जनवरी के दौरान औसतन 49.0 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा काफी ऊपर जा सकता है.

कैसी होगी बारिश?

पूरे देश में भी जनवरी के दौरान सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है. एलपीए के 118 फीसदी तक बारिश होने की उम्मीद जताई गई है. देश में जनवरी के दौरान औसतन 17.1 मिमी बारिश होती है. उत्तर-पश्चिम, पूर्वोत्तर और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होगी.

शीतलहर के दिनों में होगी बढ़ोतरी  

जनवरी के महीने में मध्य भारत के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में शीतलहर वाले दिनों की संख्या सामान्य से अधिक हो सकती है. ठंड के कारण लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.

किसानों और आम लोगों पर असर 

कम बारिश और बढ़ती शीतलहर के चलते किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने होंगे. साथ ही, आम लोगों को ठंड से बचने के उपाय करने चाहिए. उत्तर भारत के इन मौसम बदलावों पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि इसका सीधा असर जनजीवन और कृषि पर पड़ेगा.

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